जुलाई के महीने में सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है मीडिया के मुताबिक अगर चले तो केंद्र सरकार की तरफ से DA पर बढ़ी खबर मिल सकती है महंगाई भत्ते पर साल में दो बार संशोधन किया जाता है और ये AICPI-IW के आंकड़ों के आधार को ध्यान में रख कर होता है। इस बार उम्मीद जताई जा रही है की DA में चार प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है और यदि चार प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है तो महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत तक हो जायेगा।
DA में 4 प्रतिशत बढ़ोतरी की आस
जुलाई के महीने में केंद्र सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते पर कोई निर्णय लिया जा सकता है हालाँकि इसका ऐलान अक्टूबर 2023 होने की संभावना है सरकार की तरफ से जनवरी के महीने में DA HIKE अपडेट दी जा चुकी है जिसका लाभ कर्मचारियों को दिया जा चूका है इसमें सरकार की तरफ से चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी
अगर इस बार सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है तो कर्मचारियों के वेतन में अच्छा इजाफा देखने के लिए मिलेगा , यदि 46 प्रतिशत के हिसाब से देखे तो बेसिक वेतन 18 हजार रु उदहारण के तौर पर माने तो इसमें 42 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता 7,560 रुपये बनता है और अगर इसमें चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है तो 8,280 रु बनेगा इसमें कर्मचारियों को हर महीने 720 रु अधिक मिलेंगे
तीन महीने के आंकड़े जारी होना बाकी
जब भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है तब पिछले छह महीने के आंकड़ों के आधार पर निर्णय होता है अभी जनवरी से मार्च तक के आंकड़े सामने आ चुके है और अभी अप्रैल से जून तक का पूरा डाटा आना बाकी है और इन आंकड़ों को देखे तो इसके हिसाब से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है अगर आगामी तीन महीनो के आंकड़ों में इंडेक्स में बढ़ोतरी जारी होती रही तो फिर DA में चार प्रतिशत बढ़ोतरी होने की उम्मीद हो सकती है इसमें सरकार की तरफ से तय किया जायेगा की कितना DA बढ़ना है और कब बढ़ाना है फ़िलहाल इस सम्बन्ध में उम्मीद ही जताई जा सकती है
इस आधार पर होता है कैलकुलेशन
आपको महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन समझना जरुरी है आपको बता दे की महंगाई भत्ते की गणना इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए महंगाई के आंकड़ों के आधार पर होती है और ये सभी आंकड़े श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी किये जाते है (AICPI-IW के आंकड़े जारी करता है) मार्च महीने में इस इंडेक्स में तेजी देखने को मिली है. जो फरवरी के 132.7 अंक से बढ़कर मार्च में 133.3 अंक पर पहुंच गई है.