शनिदेव की कृपा जिन लोगो पर हो जाती है उनके वारे न्यारे हो जाते है सभी 9 ग्रहो में शनिग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह होता है और ढाई साल के अंतराल पर ये राशि परिवर्तन करता है और इस अवधि को शनि की ढैया भी कहा जाता है उसी प्रकार से साढ़े साती सात साल के लम्बे अंतराल की होती है और इस दौरान जातक की जीवन मुश्किलों से घिर जाता है और इस समय में व्यक्ति की जीवन में काफी उतार चढ़ाव आते है और ये व्यक्ति की किस्मत को पलटने की ताकत रखता है
इन राशियों में नहीं होता साढ़ेसाती का असर
जिन लोगो की कुंडली में पहले से ही शुभ ग्रह की दशा चल रही है उनकी कुंडली में यदि शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है तो भी इसका असर इतना नहीं होता है उनके कार्य सामान्य रूप से चलते रहते है काम रूकावट नहीं आती है और हर कार्य में सफलता मिलती रहती है आपकी जानकारी के लिए बता दे की कुम्भ और मकर राशि पर शनि देव का स्वामित्व होता है और तुला राशि इसकी उच्च राशि होती है मकर , तुला और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती की असर नहीं होता है शनिदेव इनको शुभ परिणाम देते है शनिदेव इन लोगो के लिए फलदायी होते है
शनिदेव को प्रसन्न कैसे करे
जिन लोगो की कुंडली में शनिदेव कमजोर पड़ रहे है उनको शनिवार के दिन शनिदेव के मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए इसके साथ ही शनिवार को हनुमान जी का विधिवत पूजा करनी जरुरी है इसके साथ ही सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनिदेव प्रसन्न होते है , वही पर शनिवार के दिन उड़द की दाल , काला कपड़ा, काले तिल दान करने से शनिदेव कुंडली में मजबूत होते है