आज के समय में महिलाओ एवं पुरुषो में बाल झड़ने की समस्या सबसे अधिक होने लगी है और इसके पीछे बदलती दिनचर्या एवं खान पान प्रमुख कारण है। पुरुषो में गंजेपन को मेल पैटर्न बाल्डनेस भी कहा जाता है समय रहते यदि सहित खान पान एवं दिनचर्या को अपनाया जाये तो इस प्रकार की समस्या से राहत मिल सकती है पुरुषो में बालो का झड़ना एवं गंजापन जेनेटिक ट्रेंड एवं डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन के चलते अधिक होता है। आपको बता दे की डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन हार्मोन बालो में जो रोम होते है उनमे रिसेप्टर्स को बांधे रखता है जिन लोगो ने जेनेटिक ट्रेंड का प्रभाव होता है उन व्यक्तियों में डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन बालो के रोम छिद्र को छोटा कर सकता है जिससे बाल कमजोर होते है और धीरे धीरे पतले होकर झड़ने लगते है। ऐसे में क्या करना चाहिए इसके बारे में जानते है
धूम्रपान एवं नशे की लत
जो लोग धूम्रपान करते है नशे की लत है उनको बालो के झड़ने की समस्या काफी अधिक होती है ऐसे में नशे की लत से दूर रहने से इस समस्या को कम किया जा सकता है साथ में ही नशे से होने वाले अन्य नुकसान से भी बचा जा सकता है
तनावपूर्ण जीवन
जीवन में यदि तनाव रहता है तो बाल तेजी से झड़ते है साथ ही असमय ही बालो में सफेदी आने लगती है वही पर तनाव से शरीर के अन्य हिस्सों में भी काफी अधिक प्रभाव होता है तनाव की स्थिति में शरीर के अंग ठीक से कार्य नहीं कर पाते है ऐसे में तनाव रहित जीवन जीना चाहिए इसके लिए रोजाना व्यायाम, योग आदि कर सकते है अधिक से अधिक समय लोगो के साथ गुजारना अच्छा रहता है। अकेले कम से कम रहे।
संतुलित भोजन
आज के समय में संतुलित भोजन काफी जरुरी है लेकिन तेजी से बढ़ते फ़ास्ट फ़ूड एवं तले हुए भोजन के ट्रेंड के चलते और काम के बोझ के चलते हम इस और ध्यान ही नहीं दे पाते है जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। संतुलित आहार के साथ साथ विटामिन सी, डी , इ A एवं बॉयटिन और आयरन जैसे तत्वों से भरपूर पदार्थो का सेवन करना चाहिए ताकि वालो का अच्छा विकास हो सके और गंजेपन का खतरा कम हो
उम्र
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है उसी तरफ से शरीर में टेस्टोरॉन का स्तर कम होने लगता है हालाँकि ये नेचुरल होता है लेकिन सही से शरीर की देखभाल एवं संतुलित जीवन जीने से इस प्रकार की समस्या को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है और आपके बाल अधिक समय तक जवान रहते है शरीर भी अधिक समय तक स्वास्थ्य रहता है
दवाओं का असर
पहले आयुर्वेदिक दवाओं का चलन था जिससे रोग ठीक भी होते थे और इनका कोई दुस्प्र्भाव भी नहीं होता था लेकिन आज के समय में जो दवाइया उपयोग में आती है उनके कोई ना कोई साइड इफ़ेक्ट जरूर होते है। खासकर कैंसर जैसी बीमारी में उपयोग की जाने वाले तकनीक एवं दवाओं के चलते गंजेपन की समस्या अधिक होती है ऐसे में डॉक्टर से हेयर फाल की समस्या के बारे में जानकारी ले सकते है ताकि दवाओं के शुरू करने से पहले बालो के झड़ने की समस्या को कम किया जा सके