Credit Card New Rules – क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से खर्च करते हैं तो सावधान हो जाएं और मासिक वेतन आने पर उसका भुगतान कर दें। क्योंकि आयकर विभाग (Income Tax Department) क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के खर्च पर भी नजर रखता है। अगर आपकी जेब में पैसे नहीं हैं तो भी आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन तब आपको पता ही नहीं चलता कि कितना खर्च हो रहा है, आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इसके लिए लक्ष्मण रेखा भी खींच दी है. इससे ज्यादा खर्च करने पर आपको नोटिस जरूर मिलेगा।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से खरीदारी की संख्या में 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यानी चार गुना बढ़ गया है। इतना ही नहीं, पीओएस पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) स्वैप करने वालों की संख्या में भी 1.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे खरीदारों को काफी आसानी होती है। लेकिन, अगर खर्च एक निश्चित रकम से ज्यादा होता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग (Income Tax Department) को भी होती है।
हालांकि आयकर विभाग (Income Tax Department) के पास क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से खरीदारी के संबंध में कोई विशिष्ट नियम नहीं है, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अतिरिक्त लेनदेन की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, बैंकों को फॉर्म 61ए के जरिए 10 लाख से ऊपर के ट्रांजेक्शन की जानकारी देनी होती है। इतना ही नहीं, किसी व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से हुए खर्च की जानकारी बैंकों को फॉर्म 26ए के जरिए भर कर देनी होती है।
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने यह भी बताया है कि एक व्यक्तिगत उपभोक्ता कितना पैसा खर्च कर सकता है। अगर वह इससे ज्यादा पैसा खर्च करता है तो आयकर विभाग उसकी जांच करेगा। हर महीने 1 लाख रुपये से अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल जमा करने वाले ग्राहकों को आयकर विभाग (Income Tax Department) का सामना करना पड़ेगा। यदि कोई ग्राहक बिल का भुगतान नकद में करता है, तो आयकर विभाग ग्राहक की निगरानी में हो सकता है। नोटिस भी आ सकता है।