मौसम आपदा के कारण किसानो को काफी नुकसान फसलों में होता है ओले गिरने से फसले खत्म तक हो जाती है हालाँकि सरकार की तरफ से किसानो को इस तरह की आपदा के लिए फसल का बीमा किया जाता है
जिसके कारण किसानो को मुवावजा राशि मिल जाती है लेकिन इतनी भी नहीं मिल पाती है की उनको खेत्त में की गई मेहनत की भरपाई हो सके लेकिन किसानो को अब प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए गेहू की दो किस्मे विकसित की गई है और ये किस्मे वाराणसी के एक किसान ने विकसित की है
कुदरत 8 विश्वनाथ और कुदरत विश्वनाथ किस्म
आज के समय में कृषि के विकास के लिए नए नए प्रयोग कर हो रहे है और गेहू की हाइब्रिड किस्मो पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि उत्पादन के साथ मौसम की मार में भी बचाव हो सके
गेहू की किस्म कुदरत विश्वनाश को किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने विकसित किया है और इसकी बुआई नवम्बर से दस जनवरी तक कर सकते है इस किस्म में बारिश और ओलावृष्टि में भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता है इस किस्मत का तना काफी मजबूत होता है और इसकी बालिया 9-10 इंच लंबी होती हैं
बेहद कम लागत और जोखिमों के साथ किसान इन किस्मों से काफी अच्छा उत्पादन हासिल कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट की माने तो प्रकाश सिंह रघुवंशी अब तक 300 से अधिक फसल की किस्म विकसित कर चुके है
जिससे बहुत से किसान अच्छी पैदावार ले रहे है प्रकाश सिंह रघुवंशी खुद की कुदरत कृषि शोध संस्था चलाते हैं जो टड़िया, जाक्खिनी, जिला वाराणसी, उत्तर प्रदेश में है
इस किस्म में पोधो की ऊंचाई करीब 90 सेमी और लंबाई 20 सेमी होती है और इससे प्रति एकड़ 25- 30 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है वही पर ये फसल 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है इस किस्म की डिमांड काफी तगड़ी है बदले मौसम की वजह से कई राज्यों से हजारो किसान इस किस्म से अच्छा उत्पादन ले रहे है