नई दिल्ली. दिवाली के आसपास के समय में उत्तर भारत में एक बहुत बड़ी समस्या होती है। हर तरफ धुंआ ही धुंआ नजर आने लगता है और इसका सबसे बड़ा कारण होता है किसानो के द्वारा खेतों में परली को जलाना। वैसे तो सरकार की तरफ से परली को जलाना अपराध घोषित किया हुआ है लेकिन फिर भी सरकार हर जगह और हर समय तो मौजूद नहीं रहती। इसके चलते कई किसान अपने खेतों में चुपचाप परली में आग लगा देते है और पकडे जाने पर दुर्घटना वश लगी आग बता देते हैं।
देना होगा भारी जुर्माना
लेकिन उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की तरफ से खेतों में धान के अवशेष यानि परली को जलने को लेकर और भी शख्त हो गई है। यूपी की योगी सरकार की तरफ से ये साफ कर दिया गया है की अब अगर किसानो ने परली को अपने खेतों में जलाया तो सजा के साथ साथ में उनको आगे से जुर्माना भी भरना होगा।
यूपी सरकार की तरफ से ये साफ कर दिया गया है की कोई भी किसान अगर परली जलाते हुये पकड़ा जाता है तो उसको ढाई हजार से लेकर 15 हजार रूपए तक का जुरमाना देना पड़ सकता है। यूपी सरकार के राजस्व विभाग की तरफ से बताया गया की जो नियम बनाये गए हैं उनके अनुसार अगर जलाई गई परली 2 एकड़ की है तो ढाई हजार, 2 एकड़ से लेकर 5 एकड़ तक की परली के लिए 5 हजार का जुर्माना और 5 एकड़ से अधिक की परली को जलाये जाने पर किसानों को सरकार को 15 हजार का जुर्माना देना होगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव ने जारी किये आदेश
वही यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्रदेश के सभी DM को इस की सूचना भिजवा दी है और सभी नियमो का शख्ती के साथ पालन करने का निर्देश दिया है। यूपी सरकार की ये पहल प्रदूषण के लिहाज से बहुत ही सराहनीये कार्य है। दिल्ली और उससे सटे क्षेत्रों में परली से होने वाला धुआं पिछले कुछ सालों में जी का जंजाल बन चुका है। लोगों को इस धुएं के कारण साँस लेने में परेशानी होने लगती है और कभी कभी घातक बिमारियों के शिकार भी हो जाते है।