आज दिनांक 15 अक्टूबर 2023 है। आज का दिन रविवार है। आज का विक्रम संवत 2080 है। आज का शक संवत 1945 है। आज का माह आश्विन है। आज का पक्ष शुक्ल है। आज की तिथि प्रतिपदा है। आज का नक्षत्र ज्येष्ठा है। आज का योग गरिष्ठा है। आज का करण वणिज है। आज का सूर्योदय समय 6:05 AM है। आज का सूर्यास्त समय 6:12 PM है। आज का चंद्रोदय समय 12:12 PM है। आज का चंद्रास्त समय 8:59 PM है। आज का राहुकाल 10:07 AM से 11:36 AM तक है। आज का अभिजीत मुहूर्त 11:56 AM से 12:46 PM तक है।
आज के अशुभ मुहूर्त का समय
- यम गण्ड का समय आज 10:47 AM से 12:27 PM तक रहेगा
- कुलिक का समय आज 02:08 PM से 03:50 PM तक रहेगा
- दुर्मुहूर्त का समय आज 12:54 PM से 01:48 PM, 03:36 PM से 04:30 PM तक रहेगा
- वर्ज्यम् का समय आज 06:49 AM से 08:32 AM तक रहेगा
आज के शुभ मुहूर्त का समय
आज अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर 12:00 PM से लेकर 12:54 PM तक रहेगा वही पर अमृत काल का समय शाम 03:36 PM से लेकर 05:21 PM तक रहेगा , वही पर आज ब्रह्म मुहूर्त का समय आज सुबह के 04:06 AM से से लेकर 04:54 AM तक है
आज के दिन शुभ योग है
सर्वार्थसिद्धि योग आज सुबह के 05:42 AM से लेकर 03:09 PM तक रहेगा वही पर आज अमृतसिद्धि योग शाम के 07:47 PM से लेकर 05:42 AM तक रहने वाला है
आज से शुरू हो चुके है नवराते
आज नवरात्रि का प्रथम दिन है। देश में नवरात्रो को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है खासकर गुजरात में नवरातो को लेकर खास तैयारी की जाती है , नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा की नौ रातों और नौ दिनों की पूजा के लिए मनाया जाता है। नवरात्रि हर साल आश्विन या चैत्र के महीने में पड़ता है। इस वर्ष नवरात्रि 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलेगा
नवरात्रि के नौ दिन
पहला नवरात्र का दिन शैलपुत्री के लिए होता है दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी के लिए नवरात्र में पूजा की जाती है और व्रत रखे जाते है इसके बाद तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा के लिए व्रत एवं पूजा पाठ होती है इसके बाद चौथे दिन कुष्मांडा देवी के लिए और पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा पाठ होती है इसके बाद नवरातो के छठे दिन कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है और सातवे दिन कालरात्रि, आठवे दिन महागौरी एवं नौवे दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है नवरातो के दौरान 9 देवियो की पूजा की जाती है एवं व्रत रखे जाते है
नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की पूजा के लिए उपवास रखते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं, और देवी दुर्गा के भजन गाते हैं। नवरात्रि के अंत में, भक्त देवी दुर्गा की आरती करते हैं और उन्हें प्रसाद अर्पित करते हैं।