आज के समय में क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड का चलन काफी अधिक हो चूका है साथ में ही साइबर सिक्योरिटी भी एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। साथ में ही डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड यूजर की संख्या भी दिन प्रति दिन बढ़ती रही है और इसको मद्देनजर रखते हुए RBI की तरफ से बड़ा निर्णय लिया गया है इसमें डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड में नियमो में बदलाव (Debit Credit Card Rules) के साथ कार्ड कार्ड-ऑन-टोकनाइजेशन (Card On Tokenisation) की सुविधा शुरू की गई है
साल 2022 में हुई थी शुरुआत
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 अक्टूबर, 2022 से कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन (CoFT) की शुरुआत की थी। इस प्रणाली के तहत, कार्डधारक अपने कार्ड विवरण को एक अद्वितीय टोकन के साथ बदल सकते हैं, इससे फायदा ये होगा की अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे ई कॉमर्स वेबसाइट पर ऑनलाइन खरीदारी के लिए उपयोग के दौरान फ्रॉड होने की संभावना कम हो जाती है। टोकन वास्तविक कार्ड विवरण को बदल देता है, जिससे कार्डधारकों के लिए अपने कार्ड डेटा को सुरक्षित रखना आसान हो जाता है। और इसके तहत 56 करोड़ से अधिक टोकन जारी किये गए है जिनका मूल्य 5 लाख करोड़ रु है।
RBI की नई अपडेट
RBI ने MPC बैठक के बाद Card on Tokenisation के लिए नए चैनल को लांच कर दिया गया है । RBI ने कार्ड टोकनाइजेशन को डिवाइस-आधारित बना दिया है। इसका मतलब है कि अब कार्डधारक अपने कार्ड को किसी भी डिवाइस पर टोकन कर सकते हैं। इसके साथ ही अलग अलग ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड धारक अपने अकॉउंट को डायरेक्ट जोड़ पाएंगे , आरबीआई ने अनुसार फिलहाल, कार्ड ऑन ऑन फ़ाइल टोकन सिर्फ व्यापारी के एप्लीकेशन या वेबपेज पर बनाया जा सकता है
कार्ड ऑन टोकनाइजेशन के लाभ
RBI की तरफ से कार्ड ऑन टोकेनाइजेसन की सुविधा के बाद डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड यूजर को काफी अधिक फायदा होने वाला है ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान उनको और अधिक सुरक्षित बैंकिंग की सुविधा मिलेगी। उनके बैंक कार्ड की जानकारी गलत हाथो में नहीं जाएगी साथ में ही उनके बैंक की डिटेल्स पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगी। जिससे ऑनलाइन फ्रॉड के मामले कम होंगे