पिछली साल जब मानसून आया था तब उत्तर और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में किसानो को सूखे का सामना करना पड़ा था इसमें यूपी के 62 जिलों में सूखे का सामना लोगो को करना पड़ा था
इसके चलते खरीफ की फसल का उत्पादन प्रभावित हुआ था कम बारिश और लेट मानसून के चलते किसानो को काफी नुकसान होता है और यदि अलनीनो का असर होता है तो फिर डबल मार हो जाती है
मई के महीने में देश के कुछ हिस्सों को छोड़ कर बाकि में तेज गर्मी का सामना लोगो को करना पड़ रहा है सभी लोग मानसून के आने का बेसर्बी से इंतजार कर रहे है मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है
वही पर मौसम विभाग ने ये भी कहा है की इस बार 19 प्रतिशत तक की आबादी को कम बारिश देखने के लिए मिल सकती है
वही पर 13 प्रतिशत की आबादी को अधिक बारिश देखने के लिए मिल सकती है और मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून के आने में भी तीन से चार दिन की देरी हो सकती है
साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम के मुताबिक
SASCOAF के मुताबिक देश के मध्य और उत्तर के हिस्सों में 40 प्रतिशत और 52 प्रतिशत संभावना है की बारिश में कमी आ सकती है
वही पर दक्षिणी पश्चिमी हिस्सों में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है इस साल 4 जून के लगभग मानसून के केरल के तटों पर दस्तक देने के संभावना है और प्राइवेट मौसम एजेंसी की माने तो 7 जून को मानसून केरल में पहुंचेगा
आपको बता दे जब जब अलनीनो का असर हुआ है तब तब देश के कई हिस्सों में सूखा पड़ने की संभावना बनी है पिछले साल मध्य उत्तर भारत में सूखे का सामना करना पड़ा था
इसके चलते राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखण्ड और बिहार में खरीद की बुआई में देरी हुई थी और उत्पादन में असर हुआ था