7th Pay Commission: बढ़ती कीमतों की भरपाई के लिए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए प्रदान किया जाता है। केंद्र सरकार एक फॉर्मूले के आधार पर कर्मचारियों के लिए डीए और डीआर में संशोधन करती है। डीए और डीआर को साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधित किया जाता है। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है, जबकि महंगाई राहत पेंशनभोगियों को दी जाती है। निम्नलिखित सूत्र है:
महंगाई भत्ता प्रतिशत = ((पिछले 12 महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (आधार वर्ष 2001=100) -115.76)/115.76)x100।
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए: महंगाई भत्ता प्रतिशत = ((पिछले 3 महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (आधार वर्ष 2001=100) -126.33)/126.33)x100।
पिछले 12 महीनों का औसत CPI-IW वर्तमान में 372.2 है। फॉर्मूले की मानें तो डीए 42.37 फीसदी पर आ रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया।
कितनी सैलरी बढ़ेगी?
मान लीजिए कि एक सरकारी कर्मचारी का मासिक वेतन जो वो घर ले जाता है यानि टेकहोम वेतन लगभग 42,000 रुपये है और बेसिक वेतन लगभग 25,500 रुपये है; तो उसे महंगाई भत्ते के रूप में 9,690 रुपये मिल रहे होंगे। अब, यह डीए राशि नवीनतम 4 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी के बाद बढ़कर 10,710 रुपये हो जाएगी। तो ऐसे में मासिक टेक होम सैलरी में 1,020 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
इसी तरह 69.76 लाख पेंशनभोगियों की मासिक पेंशन भी बढ़ेगी। मसलन, अगर किसी को 30,000 रुपये महीने की बेसिक पेंशन मिलती है तो उसे महंगाई राहत के तौर पर 11,400 रुपये मिलते थे। अब, राशि बढ़कर 12,600 रुपये हो जाएगी, इस प्रकार पेंशन में 800 रुपये प्रति माह की वृद्धि होगी।
इससे पहले डीए में पिछला संशोधन 28 सितंबर, 2022 को किया गया था, जो 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी था। केंद्र ने ऑल इंडिया के 12 मासिक औसत में प्रतिशत वृद्धि के आधार पर डीए को चार प्रतिशत अंक बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया था। जून 2022 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक।