धान की ये किस्मे देगी बम्पर उत्पादन, देखिये कौन कौन सी किश्मे है

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Paddy Top Variety धान के सीजन में अच्छा उत्पादन लेने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए मानसून का आने का समय हो चूका है लोग धान की बुआई का कार्य शुरू करने जा रहे है।

ऐसे में धान का बम्पर उत्पादन लेने के लिए धान की उन्नत किस्मो का प्रयोग करना अच्छा रहता है जिससे किसान को अच्छा फायदा होता है

बहुत से किसान ऐसे है जिनको धान की अच्छी किस्मो की जानकारी नहीं है तो चलिए आपको हम बताने वाले है धान की वो टॉप वैरायटी जिनसे कम समय में धान का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है

पूसा 834 बासमती धान वैरायटी

IARI द्वारा विकसित की गई ये धान की किस्म अर्ध बौनी किस्म है और इस किस्म को लगाने के 125 से 130 दिन के अंदर फसल पककर तैयार हो जाती है इस किस्म में झुलसा रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है

पंत धान 12 वैरायटी

पंत धान 12 वैरायटी भी अर्ध बौनी किस्म है और इसको ICAR और GB पंत यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के द्वारा तैयार किया गया है ये 110 से 115 दिन में पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है प्रति हेक्टेयर 7-8 टन अनाज का उत्पादन ले सकते है

PHB 71 वैरायटी

धान की ये वैरायटी IRRI के द्वारा तैयार की गई है इस वैरायटी में ब्लास्ट रोग के प्रति अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और ये किस्म 105-110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है इसमें 6-7 टन धान का उत्पादन प्रति हेक्टेयर हो जाता है

पूसा-1401 बासमती धान वैरायटी

ICAR ने इसको IARI के सहयोग से तैयार किया है ये धान की वैरायटी लिफ़ ब्लाइट रोग, ब्लास्ट रोग एवं लवणता के प्रति रोगप्रतिरोधक क्षमता रखती है इसके तैयार होने में 135-140 दिन का समय लगता है प्रति हेक्टेयर इसका उत्पादन लगभग 4-5 टन होता है

SKUAST-K वैरायटी

धान की ये एक उन्नत किस्म है और इसको देश के SKUAST यूनिवर्सिटी के द्वारा तैयार किया गया है इसमें प्रति हेक्टेयर 6-7 टन की उत्पादन क्षमता होती है और इसके तैयार होने में लगभग 135-140 दिन का समय लगता है

आपकी जानकारी के लिए बता दे की इन किस्मों की उत्पादन की क्षमता प्राकृतिक कारकों, जैसे कि जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता, और खेती के लिए अपनाये गए तरीकों पर निर्भर करती है। अच्छे उत्पादन के लिए किसान को खेत की जाँच, खाद, किट प्रबंधन, जल प्रबंधन एवं वातावरण को ध्यान में रखकर धान वैरायटी का चयन करना लाभकारी रहता है वैज्ञानिको के द्वारा इन किस्मों के अलावा, भारत में धान की कई अन्य उन्नत किस्में विकसित की गई हैं। इनमें से कुछ किस्में अधिक उत्पादन देने के साथ साथ रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता भी रखती है। किसान अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इन किस्मों का चयन कर सकते हैं।

Chirag Yadav

Farming or Business ke topic likhne me pakad achchi khasi hai or detail me likh leta hun. Khabron par har samay najar rahti hai esliye sahi samay par aapko har khabar dene ki kaushish rahti hai. ummid hai ye kaushish aage bhi jaari rahegi.

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