Improved Varieties Of Tomato :
भारत एक कृषि प्रधान देश है ,और बहुत से लोग कृषि कार्य करते है। किसानो को बहुत फायदा मिलता है। ऐसा कई घर नहीं है जहा पर टमाटर को उपयोग नहीं किया जाता है आपको बता दे की टमाटर को प्रयोग सभी सब्जिया में किया जाता है। इसकी खेती कई राज्यों में बड़े पैमाने र की जाती है ,साल भर टमाटर की मांग बाजार में बनी रहती है। भारत में टमाटर को मुख्य रूप से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल ,आंध्रप्रदेश ,राजस्थान,बिहार, उड़ीसा,कर्नाटक और उत्तरप्रदेश में की जाती है। टमाटर की खेती से किसानो को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। टमाटर की अच्छी और उन्नत किस्मो से किसानो और अधिक मात्रा में पैदावार प्राप्त कर सकते है।
टमाटर की खेती 150 दिनों में तैयार होकर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। किसानो को टमाटर की उन्नत किस्मो के बारे में जानकारी होने आवश्यक है ,ताकि उनकी खेती कर किसान भाई अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है। इसलिए अगर आप जानना चाहते है की टमाटर की कोनसी उन्नत और संकर किस्मे अच्छी पैदावार देती है ,जिससे किसान भाई को और अधिक मात्रा में लाभ की प्राप्ति हो सके। आइये जानते है टमाटर की उन्नत और संकर किस्मो के बारे में जानकारी
टमाटर की उन्नत किस्मे इस प्रकार है –
स्वर्ण समृद्धि किस्म
यह किस्म टमाटर की संकर किस्म है ,जिनके फल ठोस और लाल रंग में पाए जाते है। तह किस्म पौध रोपाई के 55 से 60 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार होती है। और इस किस्म के टमाटर को उतर प्रदेश ,बिहार ,झारखण्ड में मुख्य रूप से उगाया जाता है ,और यह किस्मे 1000 से 1050 किवंटल तक पैदावार देती है ,इस किस्म को अधिक पैदावार के लिए ही उगाया जाता है ,जी किस्मो को अच्छा मुनाफा प्रदान करती है।
स्वर्ण वैभव् किस्म –
टमाटर की यह किस्म बह संकर किस्म होती है ,इस किस्म के फल गहरे लाल रंग में पाए जाते है। यह किस्म बिहार ,झारखण्ड ,हरियाणा ,पंजाब और उतर प्रदेश में उगाई जाती है ,और यह किस्म तुड़ाई के लिए पौध रोपाई के 60 दिनों के बाद तैयार होती है और यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 900 से 1000 किवंटल की पैदावार देती है।
अर्का रक्षक किस्म
टमाटर की यह किस्मे अच्छी उपज वाली संकर किस्म होती है। यह किस्मे पत्ती मोड़करोग ,जीवाणु झुलसा और धब्बे रोग की प्रतिरोधी होती है। इस किस्म के फलो को सामान्य तापमान में 20 दिनों तक बहार रखा जा सकता है। और इन फल को रंग लाल पाया जाता है। यह फल जल्दी खराब नहीं होने के कारण इनको दूर के क्षेत्रों में बेचने के लिए भेजा जाता है। इस किस्म को खरीब और रबी की फसल में ऊगा जा सकते है ,और यह किस्मे प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 500 से 550 किवंटल की पैदावार देती है।
अर्का सम्राट किस्म
टमाटर की यह किस्म भी एक संकर किस्म होती है ,यह किस्म भी तीनो रोगो की प्रति रोधी होती है जो इस प्रकार है – पत्ती मोड़क रोग ,जीवाणु झुलसा रोग और अगेती धब्बे रोग। इस किस्म को भी सामान्य तापमान में 15 से 20 दिनों तक भर रखा जा सकता है। और इनको भी दूर – दराज के क्षेत्रों में बेचा जाता है। और यह किस्मे रबी ,खरीफ और गर्मी के मौसम में भी उगाई जा सकती है। और यह किस्मे प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 400 से 500 किवंटल की पैदावार देती है।
पूसा गौरव किस्म
टमाटर की यह किस्म चिकने फल और मध्यम आकार के लाल रंग के फल देती है ,और इस किस्म के टमाटर में छिलका मोटा मिलता है ,इसको भी अन्य किस्मो की तरह दूर के क्षेत्रों में बेचने के लिए भेजा जाता है। इस किस्म को डिब्बे में बंद रखा जाता है ,और यह किस्म बसंत ,गर्मी और खरीफ के मौसम में उगाई जाती है ,जो प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 400 से 450 किवंटल की पैदावार देती है।
टमाटर की उन्नत किस्म –
- आजाद टी- 5
- पूसा अर्ली
- काशी अनुपम
- पूसा गौरव
- कल्यानपुर टाइप- 3
- पंजाब छुहारा
- हिसार ललित (एन टी- 8)
- हिसार अरुण
- आजाद टी- 5
- आजाद टी- 6
- मोहनी, रत्ना, मिनाक्षी, मैत्री, मेनिका आदि
टमाटर की संकर किस्मे –
- पूसा हाइब्रिड- 2
- मंगला,
- अजन्ता,
- नवीन सोनाली
- लैरिका और रत्ना
- रुपाली
- स्वर्ण वैभव
- स्वर्ण समृद्धि