Animal Husbandry – जैसे जैसे गर्मी का मौसम आता है पशुओ में दूध देने की क्षमता पर भी असर होने लगता है और पशुपालक दूध बढ़ाने के लिए अलग अलग तरीके अपनाने लगता है और इन तरीको के चक्कर में पशु बिल्कुल दूध देना बंद कर देता है
फिर पशु के स्वास्थय पर बुरा असर होता है। इन सब से बचने के लिए और पशु का दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ घरेलु उपाय कर सकते है जिससे पशु को नुकसान भी नहीं होगा और दूध भी बढ़ेगा दूध उत्पादन कम होने से पशुपालक को भी नुकसान होता है और पशु भी कई बार बीमार हो जाते है तो इसके लिए ये घरेलु उपाय आप कर सकते है
भैंस और गाय के लिए दूध बढ़ाने के उपाय
पशुपालक को लगता है की पशु ने दूध देना कम कर दिया है तो 200 ग्राम सरसो के तेल और 250 ग्राम गेहू के आटे को लेना है और इसको मिक्स करके पशु को जब चारा खिलाते है
उसके बाद और पानी पिलाने के बाद खिलाये लेकिन एक बात का ध्यान रखे पशु को दवाई देने के बाद पानी न पिलाये और पानी के साथ दवाई न दे इससे पशु को खांसी की समस्या हो सकती है।
इस दवाई को पशु को लगातार सात से आठ दिन तक दे इसके बाद आपको पशु के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी दिखनी शुरू हो जाएगी
पशु को लोबिया घास खिलाने से दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है लोबिया घास में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है जो पशु के दूध उत्पादन के लिए जरुरी तत्व मने जाते है और पशु लोबिया घास को पचा भी आराम से लेते है
दूध बढ़ाने के लिए मिश्रण
घर पर ही मिलने वाली सामान्य चीजों का मिश्रण बनाकर भी पशु के दूध में बढ़ोतरी की जा सकती है इसके लिए आपको कच्चा नारियल, जीरा, मैथी , दलिया , गुड़ शरबत की आवटी अजवायन का मिश्रण बनाना है और इसको पशु के ब्यांत के तीन दिन बाद तक देना है और पशु को सामान्य आहार देते रहना है इससे फायदा ये होगा की पशु की दूध देने की क्षमता काफी अच्छी होगी और हमेशा बनी रहेगी
पशुओ में दूध उत्पादन पशु की देखभाल , स्वास्थय एवं साफ सफाई पर निर्भर करता है यदि आप पशुओ को अच्छे से रखते है टाइम पर आहार देते है पानी की पूर्ण व्यस्व्था रखते है तो पशुओ में दूध देने की क्षमता बनी रहती है इसके साथ ही पशुओ के लिए हरा चारा जरुरी होता है। दुधारू पशुओ को पोषक तत्वों की अधिक मात्रा में जरुरत होती है और हरे चारे में पशुओ को विटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन की प्रति होती है साथ में सूखा चारा भी जरुरी है सूखा चारा, जैसे ज्वार, बाजरा, और मक्का, भी भैंस के लिए महत्वपूर्ण हैं। दाना में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और वसा भरपूर मात्रा में होते हैं। खनिज मिश्रण में कैल्शियम, फॉस्फोरस, और अन्य आवश्यक खनिज होते हैं।
साफ सफाई का ध्यान रखना जरुरी
अगर पशु साफ सुथरे स्थान पर रहते है तो बीमारयो को होने का खतरा कम होता है जिससे पशुओ की दूध उत्पादन की क्षमता अच्छा असर होता है। और लगातार दूध की क्षमता पशुओ में बनी रहती है। पशुओ के रहने के स्थान पर उचित पानी की व्यवस्था, रहने के लिए सूखे स्थान जरुरी है इसके लिए पशुओ के रहने के स्थान पर सुखी मिटटी डालते रहना जरुरी है वही पर पशु की नियमित रूप से जाँच करवाते रहना चाहिए जिससे किसी भी बीमारी के बारे में पता चल जाता है और समय पर उसका इलाज हो पाता है जिससे पशुओ को नुकसान नहीं होता है
पशुओ में दूध उत्पादन कम होने के कारण
पशुओ में कई कारणों से दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है इसमें भैंस का समय पर गर्भ धारण न करना, पशुओ का स्वास्थय सही न रहना , पशुओ की उचित देखभाल , रहने के स्थान पर अधिक मात्रा में नमी, तापमान अधिक रहना , साफ पानी की व्यवस्था न होना आदि कई कई कारण है जिनके चलते पशुओ में दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है