April Retail Inflation: ये खबर आम आदमी के लिए किसी खुसखबरी से कम नहीं है क्योंकि महंगाई दर (Inflation Rate) देश के अंदर पिछले 18 महीनो के सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी है। ऐसे में आम आदमी की रोजमर्रा की सभी चीजें अब सस्ती हो रही है। खुदरा महंगाई की दर (Inflation Rate) भी गिरती जा रही है जिसकी सबसे बड़ी वजह है खाद्य की कीमतों में गिरावट आना। आपको बता दें की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के अनुसार महंगाई रिजर्व बैंक की निर्धारित 6 फीसदी से भी निचे यानि की 5.66 फीसदी हो गई है। अगर बात पिछले साल इसी इन्ही दिनों की करें तो पिछले साल ये दर 7.79 फीसदी पर मौजूद थी। इतना ही नहीं पिछले महीने अप्रैल में तो महंगाई दर (Inflation Rate) और भी कम रही जो की 4.48 फीसदी थी।
फूड बॉस्केट की दर में भी आई गिरावट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistics Office) की बात करें तो उनके अनुसार, फूड बॉस्केट की महंगाई दर अप्रैल महीने में 3.84 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 4.79 प्रतिशत पर थी और एक साल पहले की आपको अगर बताएं तो उस अवधि में 8.31 फीसदी पर थी। अनाज, दूध, दाल और फलों की ऊंची कीमतों और सब्जियों की कीमतों में आई भारी गिरावट के कारण देश भर में खुदरा महंगाई दर पिछले साल दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर इस साल की फरवरी में 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी जो की बहुत अधिक थी और आम आदमी की परेशानी का कारन बन रही थी।
अब जहां ये दर अब गिरकर कम हो रही है वही आम आदमी को रहत मिल रही है। रोजमर्रा की चीजें अब सस्ती होने लग गई है। रूरल और अर्बन महंगाई दर (Inflation Rate) में भी गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में ग्रामीण महंगाई दर (rural inflation rate) 4.68 फीसद पर रही जो की बीते मार्च महीने में 5.51 फीसदी रहा थी। अर्बन इंफ्लेशन रेट भी 4.85 फीसदी रहा जो मार्च में 5.89 फीसदी पर था. अप्रैल के कोर महंगाई दर 5.2 फीसदी रही, जो मार्च में 5.8 फीसदी पर थी.
मार्च में आई थी महंगाई दर में गिरावट
मार्च के महीने में CPI यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.66 फीसदी दर्ज किया गया था, जबकि फरवरी में यह 6.44 फीसदी रहा था. इस गिरावट के बाद मार्च में खुदरा महंगाई 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई थी. देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मार्च में 1.1 फीसदी बढ़ा है. वहीं, एक साल पहले समान अवधि में इसकी ग्रोथ दर 2.2 फीसदी रही थी.
ब्याज दर के मोर्चे पर ऍम आम आदमी को मिलेगी राहत
महंगाई दर में आई गिरावट की वजह से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India) की तरफ से एक बार फिर से रेपो रेट को लेकर नरमी बरतने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक (central bank) की तरफ से बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार रेपो रेट में काफी इजाफा किया था। केंद्रीय बैंक की बढ़ती रेपो रेट के कारन देश के सभी बैंकों ने सभी तरह के लोन भी महंगे कर दिए थे। अब महंगाई दर में आई गिरावट के चलते उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी अगली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee) की बैठक में ब्याज दर के मोर्चे पर एक बार फिर से नरमी बरते क्योंकि पिछली बैठ में रेपो रेट (repo rate) में इजाफा नहीं हुआ था। आने वाले समय में आम आदमी को अब रहत मिलती नजर आ रही है।
वही एक पक्ष इसको आने वाले चुनावों से भी जोड़कर देख रहा है। आप सभी को पता है की अब धीरे धीरे चुनाव भी नजदीक आते जा रहे है। इसी के चलते लोगों को लग रहा है की चुनावों के लिए सरकार अब महंगाई में कमी करके लोगों की तरफ से सहानुभूति बटोरने के चक्कर में है। खैर ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल आम आदमी को काफी राहत मिल रही है।