सरकार की तरफ से सोयाबीन और सूरजमुखी कच्चे तेल आयात से शुल्क को हटा दिया गया है इसके साथ ही शुल्क छूट में साफ स्पष्ट किया गया है की 31 मार्च से से पहले जो तेल भेजा जाना है उसको ही शुल्क मुक्त रखा गया है
इसको लेकर पहले भ्रम की स्थिति हो गई जिसकी वजह से हजारो कार्गो जहाज बदरगाह पर फंस गए थे। आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस साल के शुरू में सोयाबीन एवं सूरजमुखी (वनस्पति तेल ) के दुनिया के सबसे बड़े आयातक ने एक अप्रैल से आरम्भ होने वाले चालू वित् वर्ष के लिए दो मिलियन टन सोयाबीन और सूरजमुखी कच्चे तेल के आयत शुल्क में छूट को खत्म कर दिया गया था
और वही पर डीलरों के मुताबिक सरकार के इस कदम से देश में बंदरगाहों पर करीब 90 हजार टन लोडेड कार्गो अटक गए थे जिन्हे 31 मार्च से पहले लोड किया गया था सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता के मुताबिक सरकार की तरफ से सोयाबीन और सूरजमुखी कच्चे तेल के आयात पर इस खबर से लाखो आयातकों को लाभ मिलेगा
हालाँकि इससे किसानो की आय में कमी आ सकती है क्योकि तेल की मांग पूरी होने से सरसो और अन्य फसलों के दाम पर असर हो सकता है उन्होंने कहा की मई के महीने में पाम आयल के आयात में कमी आ सकती है क्योकि देश में सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी
डीलरों के मुताबिक अप्रैल के महीने में पाम तेल का आयात तीन फीसद से 14 तक के निचले स्तर तक चला गया था वनस्पति तेल ब्रोकरेज एवं कंसल्टेंसी फर्म सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बाजोरिया के मुताबिक पिछले कुछ सप्ताह से बंदरगाह पर कार्गो फंसे थे
लेकिन सरकार की तरफ से जारी आदेश के बाद अब ये देश में एंट्री कर सकते है भारत देश मुख्य रूप से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात ब्राज़ील, अर्जेटीना, सयुंक्त राज्य अमेरिका रूस और यूक्रेन से करता है