Difference Between Basic, Gross and Net Salary? – कर्मचारियों को अक्सर बेसिक, नेट और ग्रॉस सैलरी के बारे में जानकारी नहीं होती है। इन तीनों में अंतर है। इसकी जानकारी नहीं होने से कई कर्मचारियों को परेशानी होती है। आइए जानते हैं बेसिक, ग्रॉस और नेट सैलरी में अंतर…
Basic Pay – मूल वेतन एक कर्मचारी की मूल आय है। कर्मचारियों का मूल वेतन वह राशि है जो ओवरटाइम, बोनस या भत्तों के लिए किसी कटौती या वृद्धि से पहले उन्हें भुगतान की जाती है। मूल आय में कंपनी से बोनस, मुआवजा या कोई अन्य लाभ शामिल नहीं है।
मूल वेतन कर्मचारी के वेतन का आधार होता है। पदोन्नति से मूल वेतन में वृद्धि हो सकती है। एक कर्मचारी का मूल वेतन उसके सकल वेतन का कम से कम 50 से 60 प्रतिशत होना चाहिए।
Gross Salary – सकल वेतन किसी व्यक्ति का सकल वेतन किसी भी कटौती से पहले भुगतान किया गया वार्षिक या मासिक वेतन है। सकल वेतन में मूल वेतन, एचआरए, पीएफ, छुट्टी यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, पेशेवर कर आदि शामिल हैं। पीएफ, मेडिकल क्लेम आदि के लिए कोई कटौती नहीं।
Net Salary – नेट सैलरी वेतन या अन्य खर्चों में कटौती के बाद कमाई का योग है। इसे टेक होम सैलरी के नाम से भी जाना जाता है। यानी आपके खाते में आने वाली सैलरी को नेट सैलरी कहते हैं। आपकी कुल कटौती के बाद यह आपके खाते में जमा हो जाता है।
बेसिक, ग्रॉस और नेट सैलरी के बीच का यह अंतर निश्चित रूप से आपको अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को समझने में मदद करेगा। उसी के अनुसार आप घरेलू खर्चों के लिए आर्थिक रूप से योजना बना सकते हैं। इस बीच हर महीने वेतन मिलने से हम खुश हैं। बेशक ईएमआई, आवास खर्च और अन्य खर्चों के कारण यह अस्थायी खुशी बन जाती है।