EPFO हायर पेंशन का लाभ लेने के लिए लाखों लोग तैयार है लेकिन सबके मन में एक सवाल है की हायर पेंशन का लाभ लेने के लिए इसमें अधिक राशि का योजदान किस प्रकार से होगा और इसकी कैलकुलेशन किस प्रकार से होगी तो
आपको बता दे की श्रम मंत्रालय ने इसके लिए पीएफ खाताधारकों का असमंजस दूर करते हुए जवाब ढूंढ लिया है। श्रम मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है की जो भी पीएफ खाताधारक हायर पेंशन के विकल्प का चुनाव करते है उनको EPS में 1.16 अधिक राशि का भुगतान करना होगा और ये राशि नियोक्ताओं के द्वारा जमा पीएफ बैलेंस से कंट्रीब्यूट की जाएगी
नोटिफिकेशन में साफ साफ कहा गया है की जिन पीएफ मेंबर ने पेंशन स्कीम, 1995 के पैराग्राफ 11 के प्रावधानों के अनुसार जॉइंट ऑप्शन के लिए आवेदन किया है और अगर वो इस स्कीम के लिए पात्र है तो उनके EPS अकाउंट में कंट्रीब्यूशन मूल वेतन , DA का 9.49 प्रतिशत जमा होगा और इसमें पहले की तुलना में 1.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी
इसके लिए फण्ड कहा से आएगा
श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है की नियम के अनुसार पेंशन फण्ड में जमा होने वाली राशि पीएफ खाताधारक से नहीं ली जा सकती है इसलिए ये निर्णय किया गया है की पेंशन फण्ड में नियोक्ताओं के उस 12 फीसदी योगदान से ही अतिरिक्त 1.16 फीसदी हिस्सा लिया जाएगा, जो प्रोविडेंट फंड में जा रहा है
खाताधारक पर नहीं पड़ेगा बोझ
अब इसको आसान भाषा में समझते है। अगर पीएफ खाताधारक हायर पेंशन के विकल्प का चुनाव करते है तो पेंशन खाते में जो राशि जमा होगी उसमे 1.16 फीसदी का जो हिस्सा है वो कर्मचारी के पीएफ फण्ड से नहीं बल्कि कंपनी की तरफ से कर्मचारी के खाते में जो पीएफ की राशि जमा की जाती है उसमे से काटा जायेगा इससे कर्मचारी पर बोझ नहीं पड़ेगा इससे हायर पेंशन का विकल्प का चुनाव करने से पीएफ कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं होगा