सरकार की तरफ से किसानों के लिए तो राशि भेजी गई लेकिन बीच में ही कुछ ऐसे लोग बैठे थे जो किसानों के फसल की मुवावजा राशि को हड़प गए और किसानों को तीन साल तक मुवावजा राशि नहीं मिली जबकि सरकार के रिकॉर्ड में राशि जारी हो चुकी थी और इन आरोपियों ने शासन को भी बता दिया की राशि जारी हो चुकी है
राशि की रकम भी दो करोड़ के लगभग बताई जा रही है एक तो प्राकृतिक मार और ऊपर से ऐसे लोग किसानों को दुगनी हानि पंहुचा रहे है जिला प्रशासन की तरफ से अब इन आरोपियों के खिलाफ जान शुरू कर दी गई है। इस बात का खुलासा सर्वर में किसानों के नाम में गड़बड़ी होने से हुआ है।
सर्वर में नाम मेच नहीं होने पर मामले की जाँच करने पर बात सामने आई और इसके लिए सीहोर जिले सहित 14 जिलों में जाँच के आदेश जारी किये गए है ये मुवावजा राशि साल 2019, 2020 और 2021 में किसानों को हुए नुकसान के लिए जारी की गई थी जो की विभाग के सम्बंधित अधिकारी और ऑपरेटर की तरफ से जारी ही नहीं की गई
इन जिलों में हुआ गड़बड़ झोल
मध्य प्रदेश के मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, सतना , दमोह, रायसेन , विदिशा, सीहोर, खंडवा, आगर , मालवा जिलों में मुवावजा राशि को लेकर हेराफेरी हुई है और इसमें करीब पंद्रह करोड़ रु की गड़बड़ सामने आने की संभावना है।
14 जिलों में प्राथमिक स्तर पर की गई जाँच में सामने आया है की इस मामले में राजस्व विभाग के तहसीलदार, पटवारी , कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है
क्योंकि पटवारी ने रिपोर्ट सही दी है लेकिन लाभार्थी का खाता कैसे बदली हुआ और तहसीलदार ने बिना जाँच किये भुगतान कर दिया सरकार की तरफ से जांच टीम मामले को देख रही है