सरकार की तरफ से कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है हरियाणा सरकार की तरफ से नियम में संशोधन किया गया है प्रदेश की मुवावजा निति संशोधन होने के बाद अब हिरासत में यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है या फिर पिटाई से मौत होती है तो दोषी अधिकारियों से इसके लिए मुवावजा राशि वसूल की जाएगी। मुवावजा राशि के रूप में 50 प्रतिशत शामिल होगा
हरियाणा सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है की जेल में यदि कोई कैदी मरता है आत्महत्या से या पिटाई से तो उनके लिए मुआवजे को 5 लाख से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए किया गया है मई में जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक जेल में यदि कैदी की पिटाई या अन्य वजह से मौत हो जाती है और इसमें कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो अधिकारी और कर्मचारी के वेतन से 50 प्रतिशत तक मुवावजा राशि काटी जाएगी इसके सम्बन्ध में सटीक प्रतिशत और अपराधी व्यक्तिगत अधिकारी, अधिकारियों पर लागू होने वाले अनुपात का निर्धारण कारागार महानिदेशक द्वारा किया जाएगा।
जाँच जरुरी होगी
इसके साथ ही जिस जेल में घटना होती है वह जेल अधीक्षक को मजिस्ट्रियल जांच की प्रतिलिपि , पोस्टमार्टम रिपोर्ट , मौत के कारण जैसी पूर्ण जानकारी की रिपोर्ट जमा करवानी होगी और इस रिपोर्ट को पहले DG कारागार भेजा जायेगा इसके बाद इस रिपोर्ट पर एक्शन लिया जायेगा
ये होंगे नियम
जेल में अधिकारियो की लापरवाही और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से यदि कैदियों की मौत हो जाती है तो कारणों को केवल तभी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। जब एक न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 176 के तहत जांच साबित किया जाए। इस नियम पर DG जेल मोहमद अकील के मुताबिक नए नियम से कर्मचारियों पर नियंत्रण रहेगा और जेल में होने वाली मौत की जाँच न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा होगी