Higher Pension: सभी कोई चाहते है की उनको जो पेंशन मिलती है वो बढ़कर ज्यादा हो जाये। ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारी क्या हायर पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं और क्या उनको भी हायर पेंशन मिल पाएगी या नहीं। देखिये इस आर्टिकल में पूरी डिटेल।
पहली बात तो ये की रिटायर्ड कर्मचारी हायर पेंशन के लिए अपना आवेदन दे सकता है। और उसके बाद उनको भी नए नियम के तहत पेंशन प्राप्त होने लगेगी। लेकिन उनको ज्यादा पेंशन तभी मिलेगी जब उनके EPS में ज्यादा फंड मौजूद रहेगा। लेकिन इसका भी विकल्प मौजूद है। रिटायर्ड कर्मचारी अपने ईपीएफ का जो पैसा होता है उसको ईपीएस में डाल सकते है।
साथ में ईपीएफ की राशि पुरे ब्याज के साथ उनको ईपीएस में जमा करनी पड़ेगी। क्योंकि बिना इसके उनको हायर पेंशन नहीं मिल पायेगी। लेकिन इसके कुछ फायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी है। इसलिए चलिए आपको इसके नुकसान और फायदों के बारे में भी बता देते है।
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन गणना
इसमें कुछ कैलकुलेशन करके आपको समझते है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 1 लाख रूपए है और उसमे DA भी शामिल है तो उस कर्मचारी के नियोक्ता का हर महीने जो योगदान रहेगा वो होगा 10750 रूपए का। और यदि कर्मचारी 35 साल तक नौकरी उसका कुछ योगदान पेंशन फंड वो रहेगा 45 लाख 15 हजार रूपए का। इस तरफ से इस पर 8% ब्याज को भी अगर मिला लिया जाये तो जो रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी को मिलेगी वो लगभग रहेगी 1,94,92,177 रूपए। और इस पर कर्मचारी को जो हर महीने पेंशन मिलेगी वो होगी 7500 मासिक।
नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन गणना
वहीं 1 लाख की सैलरी पर EPF में नियोक्ता का अंशदान हर महीने 3,670 रुपये यानी साल में 44,040 रुपये. 35 साल की नौकरी में नियोक्ता का पीएफ में कुल अंशदान 15,41,400 रुपये बनता है. इस पर औसतन 8 फीसदी का ब्याज मान लिया जाए तो कुल रकम होगी 66,54,639 रुपये. यानी आप 1,28,37,538 (1 करोड़ 28 लाख 37 हजार 538 रुपये) का योगदान करके 42,500 रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर पाएंगे.
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत क्या फायदे हैं
पुरानी पेन्शन स्कीम के तहत आपको फायदा होता है। इसे इस तरह से समझिये – आपकी 35 साल की नौकरी के दौरान ईपीएफ में जो कुल राशि जमा होती है वो 12837538 रूपए होती है। इस रकम को लेकर अगर आप इसकी FD करवा देते हैं तो आपको हर महीने इससे जो ब्याज मिलेगा वो होगा लगभग 64 हजार रूपए हर महीने। साथ में आपकी रकम भी बिलकुल सुरक्षित रहती है। आपको बता दें की ये गणना 35 साल तक एक समान सैलरी पर है तो इसमें थोड़ा बहुत अंतर् आपको मिल सकता है।
साथ में आपका ईपीएफ का पैसा पूरी तरह से टैक्स फ्री भी होता है और आपको हायर पेंशन से जो पैसा मिलेगा उस टैक्स लगेगा क्योंकि सरकार उसको सैलरी में गिनती करती है। FD करने पर मिलने वाला ब्याज भी ज्यादा होता है।