सरसो की उन्नत किस्मो से किसानो को मिलता है ,तगड़ा फायदा ,जानिए किस्मो की सम्पूर्ण जानकारी

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Improved Variety Of Mustard :

भारत एक कृषि प्रधान देश है। जिसमे अधिकतर लोग खेती का कार्य करते है। और इससे किसानो को अच्छा लाभ प्राप्त होता है। कृषि के क्षेत्र में अर्थव्यवथा ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है।

सरसो एक तिलहनी फसल है ,और इसके अलावा भी अन्य तिलहनी फसले है – सोयाबीन, मूंगफली, तिल, राई ,सूरजमुखी और अलसी आदि है। बाजार में सरसो का भाव भी काफी अच्छा होता है ,जिससे किसान अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है। बहुत से किसान सरसो की खेती बड़ी मात्रा में करते है। जिससे किसान काफी मुनाफा कमा सकते है। अगर किसान को सरसो से और अधिक मात्रा में उपज से लाभ प्राप्त करना है तो उनको सबसे पहले किस्मो की जानकारी होना जरूरी है। आइये जानते है सरसो की उन्नत किस्मो के बारे में विस्तार से

सरसो की उन्नत और संकर किस्मे इस प्रकार है –

सरसो की संकर किस्मे इस प्रकार है –

NRCHB 101 किस्म

सरसो की इस किस्म को भरतपुर के सरसो अनुसंधान निदेशालय में विकसित किया गया है। सरसो की इस किस्म को पछेती बुआई के लिए उपयुक्त माना जाता है। सरसो की यह किस्म 130 से 135 दिनों में पककर तैयार की जाती है ,इस किस्म में तेल की मात्रा 40 % पाई जाती है। इस किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 15 से 17 किवंटल की पैदावार देती है।

DMH – 11 किस्म

सरसो की इस किस्म को रोगो और कीटो से प्रतिरोधक मानी जाती है। यह किस्म 145 से 150 दिनों के बाद पककर तैयार होती है। और यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 22 किवंटल की पैदावार देती है।

PSC – 432 किस्म

सरसो की यह किस्मे भी रोगो और कीटो से प्रतिरोधी होती है यह किस्म 145 से 150 दिनों में पककर तैयार होती है ,और यह प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 22 से 25 किवंटल की पैदावार देती है।

सरसो की उन्नत किस्मे ,जाने ?

पूसा सरसों 27 किस्म

सरसो की इस किस्म को दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में विकसित किया गया है। इस किस्मो को अगेती बुआई के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस किस्म से किसानो को अधिक मात्रा में लाभ की प्राप्ति होती है। और इस किस्म में तेल की मात्रा 39 से 45 % पाई जाती है। और यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 16 से 17 किवंटल की पैदावार देती है।

पूसा बोल्ड किस्म

सरसो की यह किस्म भी काफी अच्छी पैदावार देती है ,और यह किस्म भारत में गुजरात, दिल्ली , महाराष्ट्र और राजस्थान के क्षेत्रों में मुख्य रूप से उगाई जाती है। इस किस्म में तेल की मात्रा 45 % मिलती है ,और यह किस्म 130 से 150 दिनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है ,और यह प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 20 किवंटल की पैदावार देती है।

पूसा सरसों RH – 30 किस्म

सरसो की यह किस्म हरियाणा ,पंजाब और पश्चिमी राजस्थान के क्षेत्रों में उगाई जाती है ,और यह किस्म सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस किस्म को अक्टूबर के महीने उगाया जाता है। और यह किस्म 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 20 किवंटल की पैदावार देती है।

इसके अलावा भी सरसो की अनेक उन्नत किस्म पाई जाती है जो किसनो को अच्छी पैदावार से काफी मुनाफा देती है। जैसे – RH – 749 किस्म ,पूसा सरसों – 22 , पूसा सरसों – 28 ,लक्ष्मी RH – 8812 ,कोरल 432 किस्म , T -59 ,अरावली ,RGN – 73 ,
पूसा मस्टर्ड – 21 ,PC – 432 ,नरेंद्र राई–1 ,CS – 54 आदि किस्म सरसो की बेस्ट किस्म है ,जो किसान को तगड़ा मुनाफा देती है।

Saloni Yadav

मेरा नाम सलोनी यादव है और मुझे कंटेंट राइटिंग का पिछले 3 सालों का अनुभव है। कृषि और सरकारी योजनाओं पर अच्छी पकड़ है इसलिए किसान योजना वेबसाइट पर इसी से सम्बंधित लेख लिखती हूँ।

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