गाड़ियों के लिए Insurance अब महंगा होने जा रहा है दरअसल बीमा प्रीमियम दस प्रतिशत तक महंगा हो सकता है मिडिया रिपोर्ट की माने तो देश में मोटर व्हीकल Insurance की लागत में बढ़ोतरी होने जा रही है
इसका कारण रूस और यूक्रेन युद्ध और मौसम सम्बंधित नुकसान होना शामिल है। और इसके प्रभाव से पुनर्बीमाकर्ताओं ने दरों में 40 से 60 फीसदी तक बढ़ोतरी की है
अगर देश की जनरल Insurance कंपनी की बात करे तो कंपनी के अधिकारियो के मुताबिक मौजूदा वित् वर्ष में जनरल इंश्योरेंस के कुल व्यापार में ऑटो प्रीमियम Insurance की हिस्सेदारी 81,292 करोड़ रु के आसपास है
जानकारों के मुताबिक आने वाले समय में री इंश्योरेंस की लागत में बढ़ोतरी होने से ऑटो Insurance में भी बढ़ोतरी हो सकती है
देश के जनरल इंश्योरेंस कंपनी में 24 इन्शुरन्स कंपनी शामिल है और ये सभी कंपनी मिल कर जनरल इंश्योरेंस सामान्य में 84 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है
इनमे से भारतीय कम्पनियाँ अप्रत्याशित देनदारियों , ज्यादा नुकसान के प्रभाव को कम करने के लिए बड़े Insurance कवर खरीदती है। समुद्री-संबंधित जोखिमों, इंजीनियरिंग और व्यावसायिक रुकावटों से बचाव के लिए बीमा कवर खरीदते हैं।
ऑटो इंश्योरेंस अनिवार्य
देश में सभी ऑटो व्हीकल के लिए Insurance अनिवार्य है और जनरल इंश्योरेंस के कुल बिज़नेस में मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में करीब 81,292 करोड़ रु का योगदान है
अगर इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक देखे तो अगले कुछ महीने में पुनर्बीमा लागत में हाल ही में हुए इजाफे के साथ मोटर व्हीकल इंश्योरेंस प्रीमियम दरों में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशो में बैंको ने पिछले 12 महीने के दौरान ब्याज दरों में 4.5-5% तक की बढ़ोतरी की है इससे पुनर्बीमा के लिए पूंजी लागत बढ़ गई है हाल के वर्षो में एनवायरमेंट चेंज की वजह से अनिश्चिता बढ़ी है
इससे पुनर्बीमाकर्ता को काफी नुकसान हुआ है वही पर रूस यूक्रेन युद्ध से भी Insurance इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है