Mocha Cyclone: जैसे जैसे समय निकल रहा है, मोचा का भय बढ़ रहा है। मोचा समय के साथ ताकत हासिल कर रहा है और अपनी तूफानी रफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। मोचा कहाँ कहाँ और कैसे मार करेगा इसको लेकर अभी भी अलग-अलग राय है। मोचा चक्रवात कल लो प्रेशर में विकसित हो सकता है। लेकिन ये कम दबाव आगे छलकल और भी गहरा और खतरनाक हो सकता है। मोचा पर मौसम विभाग की नजर लगातार बनी हुई है।
फ़िलहाल की स्थिति क्या है
आज मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक बहुत जोर का डिप्रेशन बना है। और आज की तारीख में ही ये एक डीप डिप्रेशन बन जाएगा। 10 तारीख को यह एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर रहेगा।
साथ ही मोचा 11 तारीख तक पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ सकता है। इसके बाद यह बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर बढ़ सकता है। आगे चलकर इसका भयानक रूप देखने को मिल सकता है।
फ़िलहाल उत्तर भारत समेत देश के अधिकांश राज्यों में भारी बारिश और तेज तूफ़ान देखने को मिल रहा है जो इस चक्रवाती मोचा के कारण ही हो रहा है। जहां इस समय गर्मी होनी चाहिए वहीँ इस बार मोचा के कारण मई महीने में भी बारिश का सा मौसम बना हुआ है।
IMD का क्या कहना है
IMD के अनुसार 15-20 समुद्री मील की अधिकतम निरंतर हवा की गति दक्षिण अंडमान सागर क्षेत्र में प्रबल होगी, “पूर्वी क्षेत्र और दक्षिणी क्षेत्र में तेज हवाएं देखी जा रही हैं। दक्षिणी क्षेत्र में तेज हवाएं क्रॉस-भूमध्यरेखीय प्रवाह में वृद्धि का संकेत देती हैं, जो इस क्षेत्र में वर्टिकिटी और अभिसरण को बढ़ाकर साइक्लोजेनेसिस का पक्ष भी लेगी। ये विशेषताएं सिस्टम की संभावित मजबूती का संकेत देती हैं।”
इसके साथ ही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने सभी मछुआरों, जहाजों, ट्रॉलरों और छोटी नावों को बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी में नहीं जाने के लिए कहा और क्षेत्र के लोगों से तट पर लौटने का आग्रह किया। मोचा के कारण वे सब मुसीबत में फंस सकते है।
महापात्र ने कहा कि मौसम प्रणाली के प्रभाव में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मंगलवार को बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम कार्यालय ने शुक्रवार तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास और दक्षिणपूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी के क्षेत्रों में पर्यटन और अपतटीय गतिविधियों और शिपिंग के नियमन का सुझाव दिया। लाल सागर बंदरगाह शहर के नाम पर यमन द्वारा चक्रवात का नाम मोचा (मोखा) रखा गया था, जिसे 500 साल पहले दुनिया में कॉफी पेश करने के लिए जाना जाता है।