न दोनों पैर न एक हाथ, फिर भी बना IAS अफसर, जज्बे को सलाम

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मैनपुरी के घरनाजपुर निवासी राजेश के पुत्र सूरज तिवारी ने UPSC की परीक्षा में 971 वी रैंक प्राप्त की है उनके घर बधाई देने वालो का ताँता लगा हुआ उनकी हिम्मत और जज्बे को सलाम कर रहे है उनके दोनों पैर नहीं है एक हाथ नहीं है और एक हाथ में सिर्फ तीन उंगलिया है और ये सब होते हुए भी उन्होंने देश की सबसे कठिन माने जानी वाली UPSC की परीक्षा को पास किया है

ट्रैन दुर्घटना में खोया सब कुछ

सूरज ने अपनी शुरूआती शिक्षा नगर के ही महर्षि परशुराम स्कूल से पूर्ण की है इसके बाद साल 2011 में उन्होंने SBRL कॉलेज से हाई स्कूल और सम्पूर्णानन्द कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है जिस समय उनकी BSC की पढाई चला रही थी

तब एक ट्रैन दुर्घटना में उनके दोनों पैर कोहनी तक दांया हाथ और एक हाथ की तीन उंगलिया खत्म हो गई लेकिन इतना सब खोने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मणि और UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की है

उन्होंने साल 2021 में JNU दिल्ली से BA किया और फिर MA की शिक्षा ले रहे थे हमेशा से ही तेज बुद्धि के रहे सूरज तिवारी ने UPSC की तैयारी के लिए 18 घंटे पढाई की है

उनके जीवन में बड़ी मुसीबते आई लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा साल 2017 में उनके भाई की मौत हो गई थी पिता की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के बाद भी उन्होंने पढाई को जारी रखा

26 वर्ष की उम्र में बने IAS

सूरज तिवारी ने JRF पास किया है नेट रशियन भाषा को ऑप्टिविनल सब्जेक्ट के रूप में समाजशास्त्र को चुना है सूरज तिवारी साढे 26 साल की उम्र में ही आईएएस बन गए। सूरज तिवारी की जन्म तिथि 17 नवंबर 1996 है।

Chirag Yadav

Farming or Business ke topic likhne me pakad achchi khasi hai or detail me likh leta hun. Khabron par har samay najar rahti hai esliye sahi samay par aapko har khabar dene ki kaushish rahti hai. ummid hai ye kaushish aage bhi jaari rahegi.

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