चन्द्रमा पर मिली ऑक्सीज़न, इसरो ने दी जानकारी

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नई दिल्ली: हाल ही में भारत ने चन्द्रमा पर अपने कदम रखते हुई पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। दुनियाभर के देशों को ये यकीन ही नहीं हो रहा है की आखिर भारत चांद पर कैसे पहुँच गया। भारत के चंद्रयान 3 ने चन्द्रमा के साउथ पोल पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करके दुनिया में तिहास रच दिया है और इसी के साथ चन्द्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश भी बन गया है।

चंद्रयान 3 के साथ चन्द्रमा पर जाने वाले रोवर प्रज्ञान ने अपनी खोज चन्द्रमा की सतह पर शुरू कर दी है और अब इसरो ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दुनिया के साथ शेयर की है। इसरो ने बताया की रोवर प्रज्ञान की तरफ से आये संदेस में बताया गया है की चन्द्रमा की सतह पर ऑक्सीज़न के तत्व पाए गये है और इसके साथ में सल्फर के भी तत्व मौजूद है। इस खोज के बाद से पूरी दुनिया हैरान है। आखिर भारत ने चन्द्रमा पर वो खोज कर दिखाई जिसका दुनिया भर के कई देश कई सालों से प्रयास कर रहे थे।

चन्द्रमा की सतह पर ऑक्सीज़न का पाया जाना मानव जगत के लिए एक बहुत बड़ी खबर है। इससे एक बात तो साफ़ होती है की चन्द्रमा पर ऑक्सीज़न होने के कारण अब इंसान भी चनरमा पर आसानी से सर्वाइव कर सकता है।

चन्द्रमा के साउथ पोल पर सल्फर मौजूद होने की भी हुई पुष्टि

चन्द्रमा पर अपनी खोज कर रहे रोवर प्रज्ञान ने चांद पर ऑक्सीजन के साथ सल्फर, एल्युमिनियम, कैल्सियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटैनियम, मैगनीज और सिलिकॉन आदि पदार्थों का भी पता लगाया है। प्रज्ञान रोवर में लगे लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) डिवाइस के जरिए ऑक्सीजन खोजा गया। इसरो ने कहा, “चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर में लगे LIBS डिवाइस के जरिए साउथ पोल पर चांद की सतह की संरचना की पहली बार जांच की गई। इस दौरान साउथ पोल पर सल्फर (S) मौजूद होने की पुष्टि भी हुई है। इसरो ने कहा कि रोवर के स्पेक्ट्रोस्कोप ने उम्मीद के मुताबिक एल्यूमीनियम (A), कैल्शियम (C), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का पता लगाया। फिलहाल हाइड्रोजन की खोज जारी है।

चन्द्रमा पर ऑक्सीजन-सल्फर की खोज कैसे हुई?

आपको बता दें की लेजर पल्स का इस्तेमाल होता है, तो प्लाज्मा लाइट पैदा होती है। इस लाइट को डिटेक्ट करने के लिए अलग से लाइट डिटेक्टर बनाये गये है जो की रोवर प्रज्ञान में लगाए गये है। दरअसल, हर मटैरियल के प्लाज्मा वाली अवस्था में जाने पर एक खास तरह की लाइट निकलती है, जिसके आधार पर ये बताया जाता है कि उस मटैरियल में कौन-कौन से तत्व हैं। इस पूरी प्रक्रिया के तहत ही चांद के साउथ पोल की मिट्टी में ऑक्सीजन, सल्फर जैसे तत्वों को खोजा गया है। और रोवर प्रज्ञान ने इसकी खोज करने के बाद इसरो को ये जानकारी भेजी है।

Chirag Yadav

Farming or Business ke topic likhne me pakad achchi khasi hai or detail me likh leta hun. Khabron par har samay najar rahti hai esliye sahi samay par aapko har khabar dene ki kaushish rahti hai. ummid hai ye kaushish aage bhi jaari rahegi.

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