Paddy Farming: धान की नई किस्म, खारे मिटटी वाले खेत में भी बरसेगा सोना

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Paddy Farming – किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से एक बहुत बड़ी खुसखबरी निकलकर सामने आ रही है जिसमे कहा जा रहा है की वैज्ञानिकों ने खारे पानी वाले इलाकों के लिए धन की एक नई क़िस्त को इजाद कर लिया है। इस किस्म के आने के बाद में उन इलाकों के किसानों को बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है जिन इलाकों में पानी भी खारा है और मिटटी में भी नाकाम की मात्रा अधिक है।

अभी तक ये देखा गया है की खारी मिटटी में धन की पैसवार सही से नहीं होती है। बुवाई के बाद में धान के पौधों का विकाश रुक जाता है और पैदावार नहीं मिल पाती। किसानों की इस समस्या को देखते हुए एक नई किस्म को इजाद किया हैं जो की खारी मिटटी वाले इलाकों के लिए वरदान बनकर सामने आ रही है। अब किसानों को काफी अधिक पैदावार खारी मिटटी वाले खेत से मिलने वाली है।

भारत एक विशाल देश होने के साथ साथ में भारत में चावल बहुत अधिक मात्रा में खाया जाता है। भारत के बहुत से राज्य ऐसे हैं जहाँ पर केवल चावल को ही आहार के रूप में देखा जाता है। इसके साथ ही भारत में बहुत से इलाके ऐसे भी हैं जहाँ पर मिटटी में खारापन अधिक है और वहां पर धान की खेती करना बड़ा मुश्किल कार्य होता है। ऐसे में वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई इस किस्म से उनको बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है।

चावल की नई किस्म कौन सी है

कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से देश में पहली बार चावल की एक ऐसी किस्म को इजाद किया गया है जो की खारे इलाकों में अधिक पैदावार देने में सक्षम है। इस किस्म को कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से नमक-सहिष्णु नाम दिया गया है क्योंकि ये अधिक नमक वाले इलाकों के लिए सबसे उत्तम किस्म मानी जा रही है।

इस किस्म को पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PAJANCOA और RI) कराईकल के कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से ईजाद किया गया है। जिन इलाकों की मिटटी में नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है उन इलाकों में इस किस्म की बुवाई करके किसान भाई अपनी धान की फसल से अधिक पैदावार ले सकते है। इस किस्म को वैज्ञानिकों की तरफ से नमक वाली मिटटी और साधारण बिना नमक वाली दोनों ही प्रकार की मिटटी में बुवाई करके देखा गया है और उसमे ये पाया गया की दोनों प्रकार की मिटटी में ये किस्म काफी अधिक पैदावार देती है और इसमें केकेएल (आर) 3 की तरफ से भी काफी शानदार प्रदर्शन किया गया है।

भारत के दक्षिणपूर्वी हिस्से में किसानों को धन की खेती करने में अभी तक काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था लेकिन इस किस्म के आने के बाद में अब किसान उन्ही इलाकों में धान की फसल से अधिक पैदावार ले सकते है। आपको बता दें की किसानों को अपने खेत की मिटटी का परिक्षण जरूर करवाना चाहिए और उनको लगता है की परीक्षण के दौरान आपके खेत की मिटटी में नमक की मात्रा अधिक है तो आपको धान की इस किस्म का चुनाव करके ही बुवाई करनी चाहिए।

Saloni Yadav

मेरा नाम सलोनी यादव है और मुझे कंटेंट राइटिंग का पिछले 3 सालों का अनुभव है। कृषि और सरकारी योजनाओं पर अच्छी पकड़ है इसलिए किसान योजना वेबसाइट पर इसी से सम्बंधित लेख लिखती हूँ।

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