PM Kisan Yojana Fraud : सीएजी रिपोर्ट में भयंकर खुलासा, गैर-पात्र लाभार्थियों ने लिया 42 करोड़ रुपये का लाभ, वापस करने होंगे पैसे

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PM Kisan Yojana Fraud – कैग की रिपोर्ट, जिसे 22 मार्च को हरियाणा विधानसभा के समक्ष पेश किया गया था, ने खुलासा किया कि आयकर (IT) दाताओं, राज्य सरकार के पेंशनरों, मृतक किसानों और जिनके पास भूमि नहीं है, उन्होंने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना के तहत 42 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ उठाया।

वापस करने होंगे पैसे

पीएम-किसान (PM Kisan) एक केंद्र सरकार की योजना है जो देश के सभी भूमिधारी किसान परिवारों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसका उद्घाटन सरकार द्वारा फरवरी 2019 में हुआ था।

पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत पंजीकृत और कार्यक्रम की पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने वाले योग्य किसानों के बैंक खातों में हर चार महीने में 2000 रुपये की तीन समान त्रैमासिक किस्तों में 6000 प्रति वर्ष सरकार रुपये जमा करती है।

टैक्स भरने वाले लोगों ने भी लिए पैसे

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम-किसान योजना (PM Kisan Yojana) में गलत पहचान, गैर-सत्यापन और निगरानी में अंतराल के कारण राज्य सरकार के सेवानिवृत्त लोगों को कुल 1.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। ये प्राप्तकर्ता ग्रुप सी और उससे ऊपर के थे और ऑडिट ने सिफारिश की कि यह पैसा उन सभी से वसूल किया जाए जिन्होंने इसको गलत तरीके से लिया है।

लेखापरीक्षा के लिए हरियाणा के 22 जिलों, 140 ब्लॉकों और 7,356 गांवों में से सात जिले, 14 ब्लॉक (प्रत्येक चयनित जिले से दो ब्लॉक), और 84 गांव (प्रत्येक चयनित ब्लॉक से छह गांव) यादृच्छिक रूप से चुने गए थे जिसका ऑडिट 2021 में किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून, 2021 तक, ऑडिट में पाया गया कि 3,131 अपात्र किसानों को 2,000 रुपये की 16,802 किस्तें मिली थीं, जो कुल मिलाकर 3.36 करोड़ रुपये थी। इनमें से केवल 51 किसानों ने कुल 4.14 लाख रुपये की 207 किश्तें वापस की थीं।

बहुत लोगों से वसूले गए पैसे

इसी तरह PM Kisan Yojana के दायरे में आने वाले 38,109 आयकरदाताओं को 2,000 रुपये की 1,86,677 किस्तों में कुल 37.34 करोड़ रुपये मिले। केवल चार किसानों को कुल 0.46 लाख रुपये का रिफंड मिला था। कैग के अनुसार अपात्र और आयकरदाताओं को 40.70 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें से केवल 4.60 लाख रुपये की वसूली की गई है और 40.65 करोड़ रुपये की राशि वसूल नहीं की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, कृषि विभाग ने 15 दिसंबर, 2021 के एक जवाब में संकेत दिया कि 246 अपात्र लाभार्थियों से 23.94 लाख रुपये एकत्र किए गए थे और 1,455 आयकर दाता लाभार्थियों से 138.02 लाख रुपये वसूल किए गए थे।

नियमों का उल्लंघन कर 39 लाभार्थियों को उनके जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के साथ 4.48 लाख रुपये का लाभ मिला। ऑडिट में 66 मृत लाभार्थियों और 19 लाभार्थियों की भी खोज की गई, जिनके पास जमीन नहीं थी लेकिन उन्हें 2.82 लाख रुपये का लाभ मिला।

Chirag Yadav

Farming or Business ke topic likhne me pakad achchi khasi hai or detail me likh leta hun. Khabron par har samay najar rahti hai esliye sahi samay par aapko har khabar dene ki kaushish rahti hai. ummid hai ye kaushish aage bhi jaari rahegi.

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