Post Office Guaranteed Income Scheme: आपने जो पैसा जमा कर रखा है वो सुरक्षित रहे और उस पर गारंटीड इनकम भी होती रहे, इसके लिए डाक विभाग की स्माल सेविंग्स स्कीम्स का किसी और के साथ कैम्पेरिजन हो ही नहीं सकता। आमतौर पर हम सभी को सीनियर सिटीजंस के लिए ऐसी स्कीम चाहिए होती है जो सुरक्षित होने के साथ साथ इनकम भी दे और उनके लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) पोस्ट ऑफिस की तरफ से एकदम बेहतर स्कीम मानी जाती है। सरकार ने आप सबके लिए इस स्कीम को और ज्यादा आकर्षक बना दिया है।
1 अप्रैल 2023 से न केवल SCSS पर मिलने वाला ब्याज बढ़ा दिया गया है बल्कि निवेश करने की सीमा भी बढ़ा दी गई है। बजट 2023 में वित्त मंत्री ने एलान किया था। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता है। SCSS अकाउंट में सिर्फ एकमुश्त निवेश करना होता है। इसकी मैच्योरिटी 5 साल की होती है और यह अकाउंट पोस्ट ऑफिस या डेजिग्नेटेड बैंकों में खुलवाया जा सकता है। आगे देखिये इस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताई गई है।
पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट पर उपलब्ध लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक, इस स्कीम में 1 अप्रैल 2023 से सालाना ब्याज 8.2 फीसदी मिलने लगा है. इस स्कीम में मैच्योरिटी 5 साल होती है. इसमें 1,000 रुपये के मल्टीपल में मैक्सिमम 30 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है. पहले यह लिमिट 15 लाख रुपये थी. इसमें एकमुश्त निवेश करना होता है.
₹30 लाख पर जमा ₹12.3 लाख ब्याज
SCSS Calculator 2023 के मुताबिक, अगर सीनियर सिटीजंस स्कीम में आप एकमुश्त 30 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो सालाना 8.2 फीसदी (कंपाउंडिंग) की ब्याज दर के हिसाब से 5 साल बाद यानी मेच्योरिटी पर कुल रकम 42.30 लाख रुपये होगी. यहां आपको ब्याज के रूप में 12.30 रुपये का फायदा हो रहा है. इस तरह, हर तिमाही ब्याज 61,500 रुपये और सालाना 2.46 लाख रुपये होगा. इससे पहले, 31 मार्च 2023 तक इस स्कीम पर 8 फीसदी ब्याज था. इस तरह, ब्याज दर में 61,500 रुपये (5 साल बाद कुल ब्याज 12.30 लाख रुपये) का ज्यादा होगा. Post Office Guaranteed Income Scheme
SCSS: समझ लें टैक्स का गणित
SCSS में निवेश पर सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. स्कीम में ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर होता है. यह हर तिमाही के आखिरी दिन खाताधारक के अकाउंट में क्रेडिट होता है.यहां यह ध्यान रखें कि अगर खाताधारक ने ब्याज क्लेम नहीं किया, तो उस ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा. दूसरी ओर, अगर आपकी सभी SCSS की ब्याज की इनकम 50,000 रुपये सालाना से ज्यादा हो जाती है तो आपका TDS कटने लगता है. टैक्स की रकम आपके ब्याज से काटी जाती है. अगर ब्याज की इनकम तय लिमिट से ज्यादा नहीं है तो फॉर्म 15 G/15H जमाकर TDS से राहत ले सकते हैं.
कौन खुलवा सकता है अकाउंट
SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. Post Office Guaranteed Income Scheme
SCSS के तहत डिपॉजिटर इंडीविजुअली या अपनी पत्नी/पति के साथ ज्वॉइंट में एक से ज्यादा अकाउंट भी रख सकता है. लेकिन सभी को मिलाकर मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट 15 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती. 1 लाख से कम रकम के साथ अकाउंट कैश में खुलवाया जा सकता है लेकिन उससे ज्यादा रकम के लिए चेक का इस्तेमाल करना होगा.