किसानो के लिए सबसे बड़ी समस्या होती है फसल की बुआई के समय बीज का चयन करना और कई बार किसानो को नकली बीज दे दिया जाता है जिससे किसान को भारी नुकसान होता है। मार्किट में बहुत सी नकली बीज की वैराइटी आ रही है जिसकी वजह से किसानो की फसल का उत्पादन गिर रहा है और किसानो को नुकसान हो रहा है और इससे देश की अर्थव्यस्था पर भी असर हो रहा है
केंद्र सरकार ने लांच किया एप्लीकेशन
फसल का बीज असली है या नकली है इसके बारे में जानने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से साथी ऍप तैयार किया गया है इसका नाम (SATHI- सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी) रखा गया है। इसके साथ ही इसकी एक वेबसाइट भी बनाई गई है किसानो को नकली बीज की जानकारी देने के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है। इस ऍप को केंद्र सरकार और NIC की तरफ से मिलकर बनाया गया है
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा की भारत एक कृषि प्रधान देश है और बदलते समय में इसका महत्व और अधिक हो जाता है और ऐसे में नकली बीज मार्किट में आने से देश की कृषि अर्थववस्था को काफी नुकसान हो सकता है और इससे खाद्यान उत्पादन में काफी बड़ा नुकसान होता है इसलिए सरकार की तरफ से नकली बीज की पहचान करने के लिए एप्लीकेशन को बनाया गया है ताकि अच्छी क्वालिटी के बीज ही किसानो को मिले और फसल उत्पादन अच्छा बना रहे इसके लिए आज सरकार ने साथी पोर्टल को लांच कर दिया है
एप्लीकेशन के लिए किसानो की होगी ट्रेनिंग
केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई साथी एप्लीकेशन का पोर्टल लांच हो चूका है और इसका पहला चरण चल रहा है कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने अधिकारियो से कहा है की इसके दूसरे चरण में अधिक समय नहीं लगना चाहिए ताकि किसानो को इस एप्लीकेशन का पूर्ण लाभ मिल सके , इस एप्लीकेशन के माध्यम से हर फसल के लिए एक QR कोड होगा जो असली बीज का पहचान करेगा इसके लिए राज्य सरकार के मध्यम से किसानो को ट्रेनिंग दी जाएगी
बीज स्रोत वालो की भी होगी पहचान
सरकार की तरफ से साथी पोर्टल पर फसल के बीज की क्वालिटी को सुनिश्चित किया जायेगा। इस प्रणाली में बीजश्रृंखला के एकीकृत 7 वर्टिकल शामिल होंगे-अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणीकरण, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, डीलर से किसान को बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज डीबीटी. असली बीज सिर्फ वैध डीलर के पास ही मिलेंगे जो की केंद्र सरकार के द्वारा पंजीकृत होने