नीलगाय किसानो के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है। और खासकर बिहार एवं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा सहित राजस्थान राज्य में किसानो की फसलों में नीलगायों ने काफी आतंक मचाया हुआ है। ये खेतो में फसल को खाती कम है लेकिन पैर से कुचलती अधिक है। जिससे फसल बर्बाद हो जाती है। और ये झुण्ड में आती है। जिसके चलते किसानो को भारी नुकसान होता है। इसके लिए किसान रात रात जागकर रखवाली भी करते है तो कुछ किसानो इनके लिए अलग अलग तरह के जुगाड़ भी करते है। लेकिन धीरे धीरे नीलगायों की आबादी कम होने लगी है। इसका कारण है वनो का लगातार कटाई और पहाड़ी क्षेत्रों में खनन के चलते ये कम हो रही है।
मैदानी क्षेत्रों में रुख करने लगी है नील गाय
पहाड़ी क्षेत्रों में खनन एवं वनो की कटाई एवं जंगल में चारे की कम मात्रा होने के चलते नील गाय मैदानी इलाको की और रुख करती है। और इनको यहाँ पर किसानो की फसलों में भरपूर चारा मिलता है तो ये यही पर झुण्ड के साथ रुक जाती है। लेकिन किसानो के लिए दिक्क्त बन जाती है। ऐसे में बाजारों में कई तरह के उपकरण भी मौजूद है जो नीलगाय को भगाने में उपयोग होते है। हाल ही में नील गाय को भगाने के लिए एक सोलर चलित उपकरण भी आया है। इसको झटका मशीन के नाम से भी जाना जा रहा है।
नीलगाय के लिए आया नया उपकरण
मार्किट में सोलर चलित के उपकरण आया हुआ है। जो किसानो के लिए नीलगाय से फसल बचाव में काफी अच्छा साबित हो रहा है। इसमें 12 वाल्ट की बैटरी दी गई है। जो की सोलर प्लेट से चार्ज हो जाती है। इसमें एक कनवर्टर होता है जो बैटरी के करंट को उच्च क्षमता के करेंट में बदल देता है । खेत के चारो और एक बाड़ लगाई जाती है। और इसमें तार लगता है। जब भी नीलगाय या अन्य पशु खेत में घुसते है तो इनको एक झटका लगता है। इससे पशुओ को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन इस झटके के डर के चलते पशुओ खेतो में प्रवेश नहीं करते है। इससे किसानो की फसल बच जाती है।
हूटर भी बजता है।
इस सिस्टम में एक हूटर भी लगा होता है। जैसे ही कोई पशु खेतो में घुसने का प्रयास करता है तो झटका लगने के साथ ही हूटर भी बजने लगता है। जिससे पशु भयभीत होकर खेतो से दूर भाग जाता है। दोबारा से खेतो की और नहीं आता है। सोलर सिस्टम पर काम करने वाली ये मशीन किफायती भी है। और इसमें एक बार लगाने के बाद अन्य खर्चे भी नहीं होते है।