फ़िलहाल गेहू के रेट में तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से गेहू के MSP रेट को 2275 रु प्रति क्विटंल रखा गया है। लेकिन मंडियों में गेहू का रेट 2300 रु से भी अधिक हो चूका है। जिसके चलते MSP केन्द्रो पर हो रही गेहू की खरीद का कार्य प्रभावित हो रहा है। अधिकतर किसानो मंडियों में उपज को लेकर जा रहे है। जिसके चलते मंडियों में आवक में तेजी देखने को मिल रही है इस बार सरकार का गेहू खरीद का लक्ष्य पूर्ण होने पर भी संसय बना हुआ है। इस बार सीजन 2024 – 25 के लिए गेहू खरीद लक्ष्य तीन से 3.2 करोड़ टन रखा गया है। हालाँकि पिछले साल भी जो लक्ष्य रखा गया था वो पूर्ण नहीं हो पाया था ।
मंडियों में MSP से अधिक बना हुआ है रेट
एक अप्रेल से गेहू की सरकारी खरीद का कार्य शुरू हो चूका है लेकिन मंडियों में गेहू का रेट अभी भी MSP से ऊपर बना हुआ है। जो की सरकार के लिए चिंता का कारण बन सकता है। हालाँकि सरकार इसको लेकर कुछ जरुरी कदम उठा सकती है। फ़िलहाल 2275 रु का MSP रेट तय हुआ है। लेकिन खरीद के मामले में अभी खरीद केन्द्रो पर सनाटा पसरा हुआ है। किसानो अधिक दाम होने के चलते मंडियों में गेहू की बिक्री पर अधिक जोर दे रहे है। जिससे लगातार मंडियों में आवक बढ़ रही है।
राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में बोनस
गेहू के लिए MSP रेट पर खरीद के साथ साथ राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने 125 रु प्रति किवंटल बोनस की घोषणा चुनावी घोषणा पत्र में की गई थी जिसको फ़िलहाल लागु किया गया है। जिसके चलते किसानो को MSP रेट अब 2400 रु का मिल रहा है। यानि की 2275 रु MSP रेट है और 125 रु बोनस किसानो को मिल रहा है। जिसको मिलाकर 2400 रु का रेट किसानो को मिलेगा। इससे कुछ असर देखने को जरूर मिलेगा।
किसानो को मिल रहा है अच्छा फायदा
निजी मंडियों में मिल रहे अच्छे भाव के चलते हरियाणा एवं पंजाब क्षेत्र से गेहू काफी मात्रा में मंडियों में आने लगा है। किसानो को अच्छे दाम मंडियों में गेहू के मिल रहे है। इससे उनको अच्छा मुनाफा मिल रहा है। MSP रेट से कही अधिक दाम होने एवं किसी भी प्रकार के रजिस्ट्रेशन एवं टोकन के झंझंट के न होने के चलते भी किसानो ने मंडियों की और रुख किया हुआ है। डायरेक्ट गेहू की फसल सरल तरीके से बिकने एवं अच्छे भाव के चलते आवक में भी तेजी बन रही है। इससे सरकार को इस बार गेहू खरीद का तय लक्ष्य पूर्ण करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।